अरविंद केजरीवाल का सियासी भूचाल, पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने का किया ऐलान
दिल्ली के रामलीला मैदान में सरकारी कर्मचारियों की एक रैली में केजरीवाल ने कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने के लिए उनकी सरकार विधानसभा से प्रस्ताव पास कर केंद्र के पास भेजेगी.
केजरीवाल ने कहा कि वे पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए संघर्ष करेंगे (फोटो- ट्विटर, आम आदमी पार्टी)
केजरीवाल ने कहा कि वे पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए संघर्ष करेंगे (फोटो- ट्विटर, आम आदमी पार्टी)
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने का भरोसा दिया है. दिल्ली के रामलीला मैदान में सरकारी कर्मचारियों की एक रैली में केजरीवाल ने कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने के लिए उनकी सरकार विधानसभा से प्रस्ताव पास कर केंद्र के पास भेजेगी.
केजरीवाल ने ऑल टीचर्स इम्पलॉय वेलफेयर एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में कहा, 'बिल को मंजूरी मिलने के बाद केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. हम इसे लागू करने के लिए केंद्र सरकार से लड़ेंगे.' केजरीवाल ने कहा, 'पुरानी पेंशन बहाली एक जायज मांग है और हम इसका समर्थन करते हैं. इसे दिल्ली में पूरी तरह लागू करवाने की कोशिश करेंगे. मैं गैर बीजेपी और गैर कांग्रेस राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी बात करूंगा कि वे अपने राज्यों में भी पुरानी पेंशन बहाल कराने की कोशिश करें.'
केंद्र ने 2004 में नई पेंशन स्कीम लागू की थी. इसके तहत कर्मचारी और सरकार दोनों ही पेंशन फंड के तहत हर महीने बराबर रकम देते हैं. सरकारी कर्मचारी लंबे समय से इस योजना का विरोध कर रहे हैं.
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केजरीवाल का ये ऐलान सियासी भूचाल की तरह है क्योंकि अगर दिल्ली में पुरानी पेंशन योजना लागू होती है, तो देश के दूसरे राज्यों में और केंद्र सरकार के कर्मचारी भी अपने लिए पुरानी पेंशन की मांग पर अड़ सकते हैं. दूसरी ओर अगर केंद्र सरकार केजरीवाल के प्रस्ताव को पास नहीं करती है, तो केजरीवाल कह सकते हैं कि केंद्र सरकार की वजह से राज्य के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन नहीं मिल रही है.
WATCH- Delhi CM Arvind Kejriwal assured people to restore the old pension scheme in the city which will be passed in a special session of the Delhi legislative assembly. pic.twitter.com/Bx2uyzLwYI
— Zee News (@ZeeNews) November 27, 2018
दोनों पेंशन योजनाओं में अंतर क्या है?
पुरानी पेंशन योजना में पेंशन के रूप में एक निश्चित राशि सरकार देती थी, जबकि नई पेंशन योजना में प्राइवेट कंपनी रिटर्न के आधार पर पेंशन देती है. 2004 से पहले की पेंशन योजना में कर्मचारियों को कोई अंशदान नहीं करना होता था, साथ ही उन्हें उनके ग्रेड के अनुसार एक निश्चित राशि पेंशन के रूप में मिलती थी. ये राशि वेतन के मुकाबले लगभग आधी होती थी. समय समय पर वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ पेंशनभोगियों को भी होता था.
दूसरी ओर नई पेंशन स्कीम में केंद्र सरकार और कर्मचारी दोनों बराबर बराबर योगदान करते हैं. रिटायरमेंट के समय ये राशि पेंशन फंड में निवेश कर दी जाती है और उसके रिटर्न से कर्मचारियों को पेंशन दी जाती है. इस तरह कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें नई पेंशन योजना में, पुरानी योजना से कम पेंशन मिल रही है, जबकि नई योजना में वो आधा अंशदान करते हैं. इसलिए देश भर में सरकारी कर्मचारी पुरानी योजना को लागू करने की मांग कर रहे हैं.
01:17 PM IST